एल ई डी बल्बों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने वाले राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरूआत की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एल ई डी के माध्यम से ऊर्जा खपत में कमी लाने के लिए जन आन्दोलन का आह्वान किया है। श्री मोदी ने कहा कि ऊर्जा उत्पादन के मुकाबले ऊर्जा की बचत का यह एक बेहतर तरीका है।
उन्होंने नई दिल्ली में सड़कों और घरों में रोशनी के लिए एल ई डी के राष्ट्रीय कार्यक्रम की आज शुरूआत की। एल ई डी बल्ब को प्रकाश पथ बताते हुए श्री मोदी ने एक लाख से अधिक की आबादी वाले सभी कस्बों में जिला स्तर पर लक्ष्य और प्राथमिकताएं तय करने पर जोर दिया। आज का ये प्रयास यूं तो एक बल्ब है लेकिन वह आने वाली पीढि़यों के लिए प्रकाश पथ है। और जो आने वाली पीढि़यों का प्रकाश पथ है और वैश्विक परिवेश में उसका महत्व है। मैं समझता हूं कि महत्वपूर्ण काम को आज हम प्रारंभ कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने दिल्ली के उपभोक्ताओं के लिए वेब आधारित एक योजना भी शुरू की, जिसमें घरेलू रोशनी में बचत कार्यक्रम के अन्तर्गत एल ई डी पंजीकरण का अनुरोध किया जा सकता है। उपभोक्ता वेबसाइट – ई ई एस एल आई एन डी आई ए डॉट ओ आर जी / डेल्ही –लॉंच पर पंजीकरण या वेबसाइट पर दिये नम्बर पर एस एम एस कर सकते हैं।
हमारा लक्ष्य है कि आगे आने वाले दो वर्षों में पूरे देश की स्ट्रीट लाइट्स बदल कर ये तीन हजार करोड़ की बचत जनता की सेवा में लग जाये। ये एलईडी बल्ब जो साधारण बल्ब पहले से यूज होते हैं उससे एलईडी से कंवर्ट करते हैं तो लगभग पूरे देश में हमारा अनुमान है कि दस हजार मेगावाट बिजली खपत कम हो सकती है। दस रूपये प्रति एल ई डी बल्ब की दर से दो बल्ब दिये जायेंगे और शेष 120 रूपये की राशि उपभोक्ता के बिजली बिल में एक वर्ष के अंदर जोड़ दी जायेगी। सामान्य बल्ब की तुलना में एल ई डी बल्ब से 88 प्रतिशत बिजली का खर्च कम होता है। इस योजना से हर साल लगभग 24 करोड़ यूनिट बिजली की बचत होगी। साथ ही दिल्ली के उपभोक्ताओं को बिजली के बिलों में हर साल लगभग 162 रूपये की बचत होगी। पहली मार्च से एल ई डी बल्ब वितरित किये जायेंगे।