गोमांस खाना किसी नागरिक का मौलिक अधिकार नहीं है

महाराष्ट्र सरकार ने बम्बई उच्च न्यायालय से कहा है कि गोमांस खाना किसी नागरिक का मौलिक अधिकार नहीं है और राज्य सरकार पशु मांस खाने के बारे में कानून बना सकती है। महाधिवक्ता सुनील मनोहर ने कहा कि मानव मांस के अलावा अपनी इच्छानुसार कुछ भी खाने के तर्क को स्वीकार नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ताओं के वकील अस्पी चिनॉय ने कहा कि मांस खाने पर प्रतिबंध अपनी पसंद का भोजन खाने के व्यक्ति के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कांशसनेस (इस्कॉन) ने कहा है कि इन पशुओं को मारने के बजाय पालने से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।