जाने-माने कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मण का पुणे में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

जाने-माने कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मण का अंतिम संस्कार आज दोपहर राजकीय सम्मान के साथ वैकुंठ शवदाह गृह में कर दिया गया। इससे पहले उनका पार्थिव शरीर पुणे के सिंबोसिस इंस्टीट्यूट में कॉमन मैन की प्रतिमा
के पास आज सुबह दस बजे से रखा गया था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीज अंतिम संस्कार में शामिल हुए और उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार आर के लक्ष्मण के सम्मान में एक स्मारक बनाएंगी। मैसूर में शिक्षक के घर जन्मे आर.के लक्ष्मण ने कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ली थी। लेकिन कॉलेज के जमाने से ही वे स्थानीय अखबारों के लिए तथा अपने बंधु आर.के. नारायण की कथाओं के लिए चित्र बनाते रहे। 1946 में वे मुंबई आए और फ्री प्रेस जरनल में उन्होंने व्यंग्य चित्रकार के रूप में काम शुरू किया। 1947 में वे टाइम्स ऑफ इंडिया में दाखिल हुए। और वहीं पर 1957 में उनके कॉमन मैन ने जन्म लिया। यही कॉमन मैन भारतीय आम जनता का प्रतीक बन गया। आर.के. भूषण को पद्म भूषण, पद्म विभूषण, मेगा सायसाय जैसे अनेक सम्मानों से नवाजा गया। भारतीय आम आदमी को अपनी एक पहचान देना वाला एक साथी हमारे बीच नहीं रहा।