पूर्व निदेशक रंजीत कुमार सिन्हा की कोयला घोटाला के आरोपियों के साथ कथित मुलाकात को अनुचित बताया है।

उच्चतम न्यायालय ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो-सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत कुमार सिन्हा की कोयला घोटाला और टू जी मामले के आरोपियों के साथ कथित मुलाकात को अनुचित बताया है। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले की जांच की जरूरत है और केन्द्रीय सतर्कता आयोग से इसमें मदद करने को कहा गया है। न्यायालय ने कहा कि इन आरोपों में सच्चाई है कि श्री सिन्हा इन मामलों के जांच अधिकारियों की अनुपस्थिति में आरोपियों से मिले थे। न्यायालय ने सतर्कता आयोग को 6 जुलाई से पहले पूरे मामले की रिपोर्ट देने को कहा है।
न्यायालय ने श्री सिन्हा की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कथित रूप से झूठे सबूतों के लिए वकील प्रशान्त भूषण पर मुकदमा चलाने की मांग की थी। श्री भूषण ने एक गैर सरकारी संगठन-कॉमन कॉज की ओर से याचिका दायर की थी, जिसमें कोयला खण्ड आवंटन घोटाला मामले की जांच को कमजोर करने में पद का दुरूपयोग करने के लिए श्री सिन्हा की विशेष जांच दल से जांच कराने की मांग की गई है।