भगवान ने दिया शिवराज सरकार को नोटिस!

Tatpar 14 Jan 2014
ईश्वर खतरे में
महावीर स्वामी उर्फ वर्धमान पिता सिद्धार्थ जाति जैन व्यवसाय तीर्थंकर यानी भगवान निवासी सिद्धलोक ने गंदगी से तंग आकर खंडवा के नगर निगम, जिला कलेक्टर और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस दे ही डाला।
नगर निगम की उपेक्षा के कारण अहिंसा के सिद्धांत और खुद ईश्वर का अस्तित्व खतरे में आ गया है।
ईश्वर को पीड़ा
यह मामला खंडवा शहर के बीच स्थित महावीर उद्यान से जुड़ा है। इस पार्कर में महावीर स्वामी के ढाई हजारवें निर्वाण महोत्सव के उपलक्ष्य में 1973 में जय स्तम्भ की स्थापना की गई थी।
इस पर जैन धर्म के मन्त्र और सुवाक्य लिखे हुए थे। मौजूदा हालात में ये स्तम्भ और उद्यान दोनों ही घोर उपेक्षा का शिकार हैं।
शौचालय के कारण यहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है। विज्ञापनों के होर्डिंग्स तने हुए हैं। ऐसी परिस्थितियां देखकर भगवान को भारी पीड़ा हो रही है। वे कुंठा से ग्रसित हो रहे है।
भगवान की पीड़ा देखकर जैन धर्म की एक महिला अनुयायी पायल बोथरा ने भगवान की तरफ से नगर निगम, कलेक्टर और प्रदेश के मुख्य सचिव को नोटिस दे दिया है।
अहिंसा को नुकसान
धारा 80 व्यक्तिगत प्रकरण संहिता 1905 की सहपठित धारा 401 के तहत दिए गए नोटिस में कहा गया है कि खंडवा से महावीर स्वामी के नाम से स्थापित मार्ग, वाचनालय, उद्यान की अवहेलना के कारण जैन धर्म की हानि हो रही है।
अहिंसा के सिद्धांत का पालन नहीं हो रहा है। वकील विकास जैन का तर्क है कि भगवान अबोध है, नाबालिग है, इसीलिए यह कदम उठाना पड़ा।
भगवान ने दिए दो महीने
नगर निगम आयुक्त एसआर सोलंकी का कहना है कि विज्ञापन होर्डिंग्स से निगम को आय होती है, लेकिन नोटिस मे ध्यान में लाई गई समस्यायों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
फिलहाल भगवान द्वारा अधिकारीयों को भेजे गए इस नोटिस में अधिकारीयों को दो माह का समय दिया गया है। वरना भगवान न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।