मोदी ने फिर की ‘भास्कर’ के नो निगेटिव कैम्पेन की तारीफ

नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ में ‘भास्कर’ के ‘नो निगेटिव न्यूज कैम्पेन’ की तारीफ की। उन्होंने कहा कि एक अखबार ने फैसला किया है कि सोमवार को एक भी निगेटिव खबर नहीं देंगे। अब टीवी चैनल भी इसे फॉलो करने लगे हैं। बता दें कि यह दूसरा मौका है जब मोदी ने ‘भास्कर’ के इस कैम्पेन की तारीफ की है। इससे पहले, मोदी ने 2015 में कनाडा दौरे पर भी इस कैम्पेन की तारीफ की थी। होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह भी ‘भास्कर’ की इस पहल का जिक्र कर चुके हैं।
मोदी ने क्या कहा…
– दरअसल, इस प्रोग्राम में मोदी आम जनता के सवालों का जवाब देते हैं।
– पीएम के पास लोगों के फोन, लेटर और ईमेल्स आते हैं। इन्हीं से वे अपना विषय तय करते हैं।
– रविवार को मोदी ने 19th ‘मन की बात’ प्रोग्राम में एक सवाल के जवाब में ही नो निगेटिव खबरों का जिक्र किया।
– पीएम के पास लोगों के फोन, लेटर और ईमेल्स आते हैं। इन्हीं से वे अपना विषय तय करते हैं।
– रविवार को मोदी ने 19th ‘मन की बात’ प्रोग्राम में एक सवाल के जवाब में ही नो निगेटिव खबरों का जिक्र किया।
ये हुआ था सवाल
– रवि नाम के शख्स ने मोदी से पूछा कि ”गुड न्यूज एवरी डे क्यों नहीं होना चाहिए? हर दिन कोई एक अच्छी घटना के बारे में पोस्ट करें। मीडिया में हर दिन बुरी खबर ही ब्रेकिंग न्यूज रहती हैं। ऐसा क्यों?” उन्होंने पीएम से अपील की कि वे अपने अधिकारियों से रोज एक अच्छी घटना पोस्ट करने को कहें।
मोदी ने ये दिया जवाब
– मोदी ने कहा, ”रवि काफी गुस्से में हैं। असल में वे हालात पर गुस्सा कर रहे हैं। मैं उन्हें एक बात बताना चाहता हूं।”
– ”आपको याद होगा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम हमेशा ये बात कहते थे कि अखबार के पहले पन्ने पर सिर्फ पॉजिटिव खबरें छापिए। वे लगातार इस बात को कहते रहते थे।”
– ”कुछ दिन पहले एक अखबार ने मुझे चिट्ठी भी लिखी थी। उन्होंने कहा था कि सोमवार को एक भी निगेटिव खबर नहीं देंगे। सिर्फ पॉजिटिव खबर ही देंगे। इन दिनों मैंने देखा है कि कुछ टीवी चैनल पॉजिटिव खबरों का समय स्पेशली तय करके दे रहे हैं।”
– ”इन दिनों अब माहौल बना है पॉजिटिव खबरों का। हर किसी को लग रहा है कि सही खबरें, अच्छी खबरें लोगों को मिलती रहें।”
– ”एक बात सही है कि बड़े से बड़ा व्यक्ति भी उत्तम से उत्तम बात बताए। अच्छे से अच्छे शब्दों में बताए। बढ़िया से बढ़िया तरीके से बताए। उसका जितना प्रभाव होता है, उससे ज्यादा कोई अच्छी खबर का होता है।”
– ”अच्छी खबर, अच्छा करने की प्रेरणा का सबसे बड़ा कारण बनती है। जितना अच्छाई को बल देंगे, अपने आप में बुराइयों को जगह कम मिलेगी। जितना दीया जलाएंगे, उतना अंधेरा छटेगा ही।”
– ”हमने ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया नाम की नई वेबसाइट शुरू की है। इसमें हम सकारात्मक खबरें दे रहे हैं। ये खबरें सिर्फ सरकार की नहीं हैं। जनता भी हमें अच्छी खबरें बता रही है।”
– ”आपको याद होगा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम हमेशा ये बात कहते थे कि अखबार के पहले पन्ने पर सिर्फ पॉजिटिव खबरें छापिए। वे लगातार इस बात को कहते रहते थे।”
– ”कुछ दिन पहले एक अखबार ने मुझे चिट्ठी भी लिखी थी। उन्होंने कहा था कि सोमवार को एक भी निगेटिव खबर नहीं देंगे। सिर्फ पॉजिटिव खबर ही देंगे। इन दिनों मैंने देखा है कि कुछ टीवी चैनल पॉजिटिव खबरों का समय स्पेशली तय करके दे रहे हैं।”
– ”इन दिनों अब माहौल बना है पॉजिटिव खबरों का। हर किसी को लग रहा है कि सही खबरें, अच्छी खबरें लोगों को मिलती रहें।”
– ”एक बात सही है कि बड़े से बड़ा व्यक्ति भी उत्तम से उत्तम बात बताए। अच्छे से अच्छे शब्दों में बताए। बढ़िया से बढ़िया तरीके से बताए। उसका जितना प्रभाव होता है, उससे ज्यादा कोई अच्छी खबर का होता है।”
– ”अच्छी खबर, अच्छा करने की प्रेरणा का सबसे बड़ा कारण बनती है। जितना अच्छाई को बल देंगे, अपने आप में बुराइयों को जगह कम मिलेगी। जितना दीया जलाएंगे, उतना अंधेरा छटेगा ही।”
– ”हमने ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया नाम की नई वेबसाइट शुरू की है। इसमें हम सकारात्मक खबरें दे रहे हैं। ये खबरें सिर्फ सरकार की नहीं हैं। जनता भी हमें अच्छी खबरें बता रही है।”
क्या है नो निगेटिव न्यूज कैम्पेन?
– दैनिक भास्कर दुनिया का ऐसा पहला अखबार है, जिसने 19 जनवरी 2015 को ‘नो निगेटिव न्यूज’ कैम्पेन की शुरुआत की थी।
– इसके तहत अखबार के सोमवार के एडिशन में सिर्फ पॉजीटिव खबरों को ही अहमियत दी जाती है।
– निगेटिव न्यूज को केवल सूचनात्मक रूप में छापा जाता है। साथ में टैग भी लगता है कि ‘यह निगेटिव न्यूज है, लेकिन आपके लिए जानना जरूरी है।’
– इसके तहत अखबार के सोमवार के एडिशन में सिर्फ पॉजीटिव खबरों को ही अहमियत दी जाती है।
– निगेटिव न्यूज को केवल सूचनात्मक रूप में छापा जाता है। साथ में टैग भी लगता है कि ‘यह निगेटिव न्यूज है, लेकिन आपके लिए जानना जरूरी है।’
मोदी ने अप्रैल 2015 में क्या कहा था?
– इससे पहले पिछले साल अप्रैल में तीन देशों की यात्रा के आखिरी पड़ाव में मोदी ने टोरंटो के रिकोह स्टेडियम में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया था।
– उन्होंने अपने भाषण में दैनिक भास्कर के ‘नो निगेटिव मंडे’ कैंपेन का उदाहरण भी दिया था।
– उन्होंने कहा था, ”आपको एक हैरानी की बात बताता हूं। यह सबसे बड़ा सरप्राइज है। मेरे लिए भी सरप्राइज है, लेकिन मेरे लिए यह एक सुखद आश्चर्य है। एक अखबार के मालिक ने मुझे चिठ्ठी लिखी है।”
– उन्होंने अपने भाषण में दैनिक भास्कर के ‘नो निगेटिव मंडे’ कैंपेन का उदाहरण भी दिया था।
– उन्होंने कहा था, ”आपको एक हैरानी की बात बताता हूं। यह सबसे बड़ा सरप्राइज है। मेरे लिए भी सरप्राइज है, लेकिन मेरे लिए यह एक सुखद आश्चर्य है। एक अखबार के मालिक ने मुझे चिठ्ठी लिखी है।”
– ”उसमें लिखा गया है कि देश का जो मूड है, उससे हमने हमारे अखबार की एक नीति बनाई है, वह नीति यह है कि सप्ताह में एक दिन हमारा अखबार, सिर्फ और सिर्फ पॉजिटिव न्यूज ही छापेगा।”
– ”यह छोटी घटना नहीं है मित्रों। भले ही आज एक अखबार ने यह काम शुरू किया है, लेकिन खुद इसे कहना बड़ी बात है। यह विचार मैंने नहीं दिया, हमारे पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम बार-बार कहते थे कि पॉजिटिव न्यूज का एक कॉलम बनाइए।”
– ”यह छोटी घटना नहीं है मित्रों। भले ही आज एक अखबार ने यह काम शुरू किया है, लेकिन खुद इसे कहना बड़ी बात है। यह विचार मैंने नहीं दिया, हमारे पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम बार-बार कहते थे कि पॉजिटिव न्यूज का एक कॉलम बनाइए।”
– ”यह मैंने कहने की हिम्मत नहीं की। मुझे खुशी हुई कि बदले हुए जन-मन का कहां-कहां फैलाव हो रहा है। उससे लगता है कि आप जिन सपनों को लेकर जीते हैं, उन सपनों को साकार होते देखेंगे।”