नई दिल्ली: याकूब मेमन केस की सुनवाई कर चुके सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा को धमकी मिलने के बाद उन्हें जेड प्लस कैटेगरी की सिक्युरिटी दी गई है। उन्हें न सिर्फ बुलेटप्रूफ कार मिली है, बल्कि कमांडोज भी तैनात किए गए हैं। जस्टिस मिश्रा उस बेंच में शामिल थे जिसने 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन की फांसी पर रोक लगाने से जुड़ी पिटीशन खारिज कर दी थी। उन्हें हाल ही में धमकीभरा लेटर भेजा गया था।
सिक्युरिटी में क्या?
जस्टिस मिश्रा की सिक्युरिटी में दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल्स के अलावा हथियारबंद NSG कमांडोज 24 घंटे तैनात रहेंगे। नेशनल सिक्युरिटी गार्ड्स के इन कमांडोज़ के पास एमपी 5 गन और मॉर्डन कम्यूनिकेशन डिवाइस हैं। जस्टिस मिश्रा को दो एस्कॉर्ट व्हीकल भी दिए गए हैं। हर सिक्युरिटी व्हीकल में कम से कम तीन सुरक्षाकर्मी रखे गए हैं। कुल 50 सुरक्षाकर्मी उनकी सुरक्षा में लगाए गए हैं। यह कोशिश रहेगी कि हमेशा कम से कम तीन सेफ्टी ऑफिसर जस्टिस मिश्रा के संपर्क में रहें।
क्यों बढ़ाई गई सिक्युरिटी?
जस्टिस मिश्रा जजों के उस बेंच में थे जिसने याकूब की फांसी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। 30 जुलाई की सुबह 5 बजे इस बेंच से पिटीशन खारिज होने के डेढ़ घंटे बाद याकूब को नागपुर की जेल में फांसी दे दी गई। बीते बुधवार को जस्टिस दीपक मिश्रा को लेटर भेजकर धमकी दी गई। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया। यह लेटर तुगलक रोड पर जज के ऑफिशियल रेजिडेंस के पिछले दरवाजे पर मिला था। इसमें लिखा था- ‘कितनी भी सिक्युरिटी बढ़ा लो, हम तुम्हें मार देंगे- तुम्हारे दुश्मन।’ पुलिस को शक है कि लेटर भेजने वालों ने जस्टिस मिश्रा के घर के आसपास रेकी भी की होगी। ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस मुकेश कुमार मीना ने कहा कि आरोपियों की पहचान करने के लिए टीम बना ली गई है। उन्हें जल्द से जल्द पकड़ लिया जाएगा।
चीफ जस्टिस ने भी जताई थी फिक्र
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एचएल दत्तू ने भी जस्टिस की सिक्युरिटी को लेकर फिक्र जाहिर की थी। उन्होंने अफसरों को उनकी सिक्युरिटी बढ़ाने काे कहा था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि इस तरह की धमकियों का जजों के कामकाज पर असर नहीं पड़ता। जस्टिस ने कहा था, ”बिना किसी डर के फैसले देना हमारा काम है। हम अपना काम करते हैं, बाकी की फिक्र नहीं करते।”
जस्टिस मिश्रा जजों के उस बेंच में थे जिसने याकूब की फांसी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। 30 जुलाई की सुबह 5 बजे इस बेंच से पिटीशन खारिज होने के डेढ़ घंटे बाद याकूब को नागपुर की जेल में फांसी दे दी गई। बीते बुधवार को जस्टिस दीपक मिश्रा को लेटर भेजकर धमकी दी गई। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया। यह लेटर तुगलक रोड पर जज के ऑफिशियल रेजिडेंस के पिछले दरवाजे पर मिला था। इसमें लिखा था- ‘कितनी भी सिक्युरिटी बढ़ा लो, हम तुम्हें मार देंगे- तुम्हारे दुश्मन।’ पुलिस को शक है कि लेटर भेजने वालों ने जस्टिस मिश्रा के घर के आसपास रेकी भी की होगी। ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस मुकेश कुमार मीना ने कहा कि आरोपियों की पहचान करने के लिए टीम बना ली गई है। उन्हें जल्द से जल्द पकड़ लिया जाएगा।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एचएल दत्तू ने भी जस्टिस की सिक्युरिटी को लेकर फिक्र जाहिर की थी। उन्होंने अफसरों को उनकी सिक्युरिटी बढ़ाने काे कहा था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि इस तरह की धमकियों का जजों के कामकाज पर असर नहीं पड़ता। जस्टिस ने कहा था, ”बिना किसी डर के फैसले देना हमारा काम है। हम अपना काम करते हैं, बाकी की फिक्र नहीं करते।”