July 8, 2015
अध्यात्म, अन्तराष्ट्रीय, अन्य, ई - तत्पर, दिल्ली, देश, मध्य प्रदेश, मुख्य पृष्ठ, राजनीति, राज्य, राष्ट्रीय
No comments
व्यापमं: डॉक्टर ने जताई थी रेप की आशंका, 24 घंटे में ही बंद हुई नम्रता केस की फाइल

भोपाल/उज्जैन. मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से जुड़ीं स्टूडेंट नम्रता डामोर के केस को उज्जैन पुलिस ने 24 घंटे के ही अंदर बंद कर दिया है। एक चैनल ने अपने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। नम्रता डामोर झाबुआ की रहने वालीं थीं। जनवरी 2012 में उनकी लाश उज्जैन के पास रेलवे ट्रैक पर मिली थी। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर ने शक जताया था कि नम्रता की मौत से पहले उनके साथ रेप की कोशिश की गई होगी। दूसरी ओर, व्यापमं के जरिए ही पुलिस में भर्ती हुई ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अनामिका कुशवाह की मौत के मामले में पुलिस ने उनके पति और ससुर को गिरफ्तार कर लिया है। अनामिका ने पिछले दिनों सागर स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के करीब एक तालाब में कूदकर खुदकुशी कर ली थी। दूसरी ओर, कांग्रेस ने दिल्ली में व्यापमं मामले में एमपी के सीएम शिवराज सिंह से इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। कांग्रेस मांग कर रही है कि सीबीआई जांच बाद में होगी पहले चौहान इस्तीफा दें।
मंगलवार को ही हुई थी फिर जांच किए जाने की घोषणा
बता दें कि उज्जैन के एस.पी. मनोहर सिंह वर्मा ने मंगलवार को ही घोषणा की थी नम्रता डामोर की मौत की फिर से जांच की जाएगी और इसके लिए डामोर की मौत से जुड़ी फाइल फिर से खोली जा रही है। लेकिन इसके 24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने कहा कि नम्रता की पोस्टमॉटर्म रिपोर्ट में कुछ भी ऐसा नहीं पाया गया जिस पर शक की गुंजाइश हो और इसीलिए फाइल अब बंद की जा रही है। पुलिस ने 2012 में सबसे पहले हत्या के एंगल से जांच की लेकिन बाद में फाइल बंद कर दी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह आशंका भी जताई गई थी कि नम्रता के साथ पहले रेप की कोशिश की गई और बाद में उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई होगी।
अमित शाह का फोन आया और शिवराज हुए CBI जांच को तैयार
व्यापमं घोटाले में मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान सीबीआई जांच कराने पर तब राजी हुए, जब उन्हें दिल्ली से बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह का फोन आया। सूत्रों ने यह खुलासा किया है। बता दें कि सीएम ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह एलान किया था कि इस केस की जांच सीबीआई से कराने के लिए वे मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से गुजारिश करेंगे। एलान के ढाई घंटे के अंदर ही चौहान ने हाईकोर्ट को लेटर भी लिख दिया। यह लेटर सरकारी प्लेन से जबलपुर स्थित हाईकोर्ट तक पहुंचा दिया गया। अब तक इस केस में एसटीएफ ने जांच की है। इसकी मॉनिटरिंग हाईकोर्ट की ओर से बनाई गई एसआईटी ने की है।
आगे क्या : बड़े नामों के खिलाफ नए सिरे से हो सकती है जांच, सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई
अगर हाईकोर्ट सीबीआई जांच को मंजूरी दे देती है तो सीएम के पूर्व पीए प्रेमचंद प्रसाद और व्यापमं के पूर्व कंट्रोलर सुधीर भदौरिया के खिलाफ नए सिरे से जांच शुरू हो सकती है। इस बीच, सीबीआई जांच को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और तीन व्हिसलब्लोअर आशीष चतुर्वेदी, डॉ. आनंद राय और प्रशांत पांडेय की अर्जियों पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करने वाला है।
शिवराज को अब आया अमित शाह का फोन?
व्यापमं घोटाले को लेकर चौहान पर सीबीआई जांच के लिए दबाव बढ़ता ही जा रहा था। वे अपने भरोसेमंद मंत्रियों और अफसरों के साथ सोमवार रातभर बातचीत कर चुके थे, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहे थे। इस बीच, मंगलवार सुबह यह खबर आई कि सुप्रीम कोर्ट ने एमपी के राज्यपाल रामनरेश यादव को हटाने के लिए दायर याचिका के साथ व्यापमं से जुड़ी अन्य सभी याचिकाओं को क्लब कर लिया है। इन पर 9 जुलाई को सुनवाई है। सूत्रों के मुताबिक, इसी के बाद दिल्ली से अमित शाह का फोन आया। शाह और चौहान के बीच बमुश्किल पांच मिनट हुई। कुछ ही घंटे बाद चौहान ने सीबीआई जांच की मांग को मान लिया। जबकि सोमवार तक वे इस मांग को लगातार खारिज कर रहे थे।
शाह के फोन के बाद कैसे एक्टिव हुए सीएम?
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह से भी बातचीत के बाद चौहान ने एडवोकेट जनरल रवीश चंद्र अग्रवाल और एडिशनल एडवोकेटट जनरल पुष्पेंद्र कौरव को सीएम हाउस बुलाया। उनसे बात करने के बाद सीएम मंत्रालय आ गए। दूसरी ओर, स्टेट प्लेन से अग्रवाल और कौरव राज्य सरकार की अर्जी हाईकोर्ट तक पहुंचाने के लिए जबलपुर चले गए। सीएम ने जांच सीबीआई को सौंपने के फैसले की चर्चा सुबह 11 बजे हुई कैबिनेट बैठक में भी नहीं की। बैठक के बाद कुछ मंत्री पीछे-पीछे सीएम के चैंबर तक गए, लेकिन शिवराज ने उन्हें कुछ भी नहीं बताया।
राजनाथ सिंह भी थे एक्टिव
कुछ दिनों पहले यूनियन होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच से इनकार कर दिया था, लेकिन सूत्रों के मुताबिक अमित शाह और राजनाथ को इस बात की आशंका थी कि संसद के मानसून सत्र पर इस घोटाले का साया पड़ सकता है। दरअसल, शाह और राजनाथ के साथ ही बीजेपी हाईकमान विपक्ष को ताकतवर होने का कोई मौका नहीं देना चाहता था।
वसुंधरा-सुषमा से अलग है व्यापमं मामला
एक अंग्रेजी अखबार ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि ललित मोदी मामले में बीजेपी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया का बचाव इसलिए किया क्योंकि इन दोनों के खिलाफ लगे आरोप अलग थे। दोनों के खिलाफ क्रिमिनल केस भी नहीं थे। लेकिन व्यापमं मामले में लगातार होती मौतों ने बीजेपी की सेंट्रल लीडरशिप को चिंता में डाल दिया था।
सुप्रीम कोर्ट का डर
राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि व्यापमं घोटाले से जुड़े सभी मामलों की एक साथ सुनवाई 9 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में है। इसे लेकर राज्य सरकार को डर था कि यदि सुप्रीम कोर्ट कोई बड़ा आदेश दे देता है हालात सरकार के हाथ से बाहर हो जाएंगे। यदि सुप्रीम कोर्ट के कहने पर राज्य सरकार को जांच सीबीआई को सौंपने पर मजबूर होना पड़ा तो इससे पार्टी की किरकिरी भी होगी। इसीलिए पहले ही सीबीआई जांच की पहल कर दी गई। हालांकि, गलियारों की यह चर्चा भी पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित दिख रही है। हाल ही में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को ही अमित शाह से ढाई घंटे तक बातचीत की थी। इसके भी राजनीतिक मायने देखे जा रहे हैं।
फिर खुलेगी नम्रता डामोर केस की फाइल
व्यापमं घोटाले को लेकर चर्चाओं में आई नम्रता डामोर की केस फाइल फिर खुलेगी। पुलिस ने इस मामले में पहले हत्या का प्रकरण दर्ज किया आैर बाद में इसे दुर्घटना बताकर केस खत्म कर दिया था। उज्जैन एसपी मनोहर सिंह वर्मा ने इस मामले में मंगलवार को केस रिव्यू करने के निर्देश दिए हैं।