सड़क परिवहन संगठनों ने सुरक्षा विधेयक के विरोध में कल रात से एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की है।

सड़क परिवहन संगठनों ने प्रस्तावित नये सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक के विरोध में कल रात से एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की है। अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस, इंडियन ट्रेड यूनियन, इंटक, एआईसीसीटीयू और राज्य स्तरीय संगठनों से संबंधित सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कामगारों ने संयुक्त रूप से हड़ताल की है। प्रस्तावित सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक में यातायात नियमों के उल्लंघन पर भी भारी जुर्माने का प्रस्ताव है। हड़ताल की वजह से कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में आज सार्वजनिक बसों और ऑटो रिक्शा सेवाएं प्रभावित हैं। बंगलूरू, हुगली, बेल्लारी, रायचूर और मैसूर के विभिन्न इलाकों से सार्वजनिक बसों पर पत्थर फेंकने के भी समाचार आए हैं। तमिलनाडु में हड़ताल का आंशिक असर है। सरकारी बसों सहित अधिकांश वाहन चल रहे हैं। दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ और दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन तथा डीटीसी कर्मचारियों के एक वर्ग ने हड़ताल को समर्थन दिया है हालांकि दिल्ली सरकार ने आश्वासन दिया है कि हड़ताल का परिवहन पर असर नहीं होगा। डीटीसी की अधिकांश बसें चल रही हैं। हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में भी हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हरियाणा पुलिस ने सड़कों पर हडताल की आड में गैर सामाजिक तत्वों से निपटने के लिए पर्याप्त प्रबंध किए है। सर्व भारतीय सड़क परिवहन, कामगार संघ के सचिव और हरियाणा रोडवेज संघ के प्रधान सर्वजीत सिंह पुनिया ने कहा है कि वह सड़क सुरक्षा के विरूद्ध नहीं है, लेकिन भारी जुर्माने और सरकारी बसों के निरीकरण के प्रावधानों के कारण विधेयक का विरोध किया जा रहा है