सेना प्रमुख ने कहा- पत्थरबाज आतंकियों के मददगार, इनसे सख्ती से निपटने की जरूरत

- पत्थरबाजों के हमले में जवान के शहीद होने पर किया गया था सेना प्रमुख से सवाल
- सेना की टुकड़ी पर गुरुवार को पत्थरबाजों ने किया था हमला, जवान हुआ शहीद
- बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन दस्ते की रखवाली कर रही थी सेना की टुकड़ी
श्रीनगर/नई दिल्ली. थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि पत्थरबाज आतंकियों के मददगार हैं और इनसे सख्ती से निपटने की जरूरत है। पत्थरबाजों पर कार्रवाई का विरोध करने वालों पर उन्होंने कहा कि पत्थरबाजों के हमले में ही एक जवान शहीद हो गया और हमारे ही कुछ लोग कहते हैं कि उन्हें आतंकियों का समर्थन करने वाले ओवर ग्राउंड वर्कर मत मानो। सेना प्रमुख ने पाकिस्तान को भी अपनी हरकतों से बाज आने की नसीहत दी।
सेना प्रमुख का शहीदों को सलाम
- सेना प्रमुख शनिवार को इन्फेंट्री डे पर इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पहुंचे थे। यहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान भलीभांति जानता है कि उसके मंसूबे कभी पूरे नहीं हो सकते, इसलिए वह आतंक के जरिए उकसावे वाली कार्रवाई करता है।’’
- ‘‘वह कश्मीर में विकास को रोकना चाहते हैं, लेकिन भारतीय राज्य हर स्थिति का मुकाबला करने में समर्थ है। हम हर तरह के विकल्प के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अगर पाकिस्तान बॉर्डर के इस पार लगातार आतंकियों की मदद करता रहा तब भारत को भी कार्रवाई का दूसरा रास्ता चुनना होगा।’’ हालांकि, कार्रवाई क्या होगी? उन्होंने ये नहीं बताया।
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क्विक रेस्पॉन्स टीम पर पत्थरबाजों ने किया था हमला
अनंतनाग में प्रदर्शनकारियों ने सेना की क्विक रिस्पॉन्स टीम पर गुरुवार को पथराव किया था। इसमें सेना के जवान राजेंद्र सिंह (22) जख्मी हो गए थे। बाद में इलाज के दौरान शुक्रवार को उनकी मौत हो गई थी। राजेंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के रहने वाले थे। उन्होंने 2016 में आर्मी ज्वाइन की थी।
- रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा- सेना की क्विक रेस्पॉन्स टीम बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन दस्ते को सुरक्षा दे रही थी। शाम करीब छह बजे ये दल अनंतनाग बाईपास से गुजर रहा था। इसी दौरान कुछ युवकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी।
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सोपोर में मारे गए दो आतंकी, एक जवान शहीद
सोपोर में शुक्रवार को मुठभेड़ के दौरान 2 आतंकी मारे गए। गोलीबारी के दौरान लांस नायक शहीद हो गए। लांस नायक बृजेश कुमार (32) हिमाचल के नानाविन के रहने वाले थे। उन्होंने 2004 में आर्मी ज्वाइन की थी।
- इससे पहले गुरुवार को ही पुलवामा में आर्मी कैंप पर हमले के दौरान जवान गामसिआमलिआना शहीद हो गए। वे मिजोरम के रेंगटेक्वान गांव के रहने वाले थे और 2013 में सेना में भर्ती हुए थे। सेना के अफसरों ने शहीदों को सैनिक सम्मान के साथ आखिरी विदाई दी।
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