भोपाल। आधी बीमारी तो डॉक्टर और सिस्टर के अच्छा बोलने से ही ठीक हो जाती हैं। स्टॉफ अच्छा व्यवहार करता है, तो अच्छा लगता है।” रोशनपुरा, गिन्नौरी और बरखेड़ी स्थित ई-संजीवनी क्लीनिक में उपचार कराने आईं महिलाओं ने यह बात स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी से कही। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी बुधवार को भोपाल की ई-संजीवनी क्लीनिक का औचक निरीक्षण कर रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने ई-संजीवनी क्लीनिक की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। उन्होंने क्लीनिक पर उपस्थित नागरिकों से क्लीनिक में मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी भी प्राप्त की। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने रोशनपुरा वार्ड क्रमांक-24 की संजीवनी क्लीनिक के खुलने और बंद होने के समय की जानकारी उपचार कराने आये नागरिकों से ली। सुश्री यास्मीन, सुश्री आरजू बैगम और श्रीमती आमना ने बताया कि क्लीनिक सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहती है। क्लीनिक में उन्हें इलाज कराने में बहुत आसानी होती है। घर के पास है और यहाँ डॉक्टर मैडम और सिस्टर अच्छे से बात करती हैं। उनके अच्छे व्यवहार से आधी बीमारी तो वैसे ही ठीक हो जाती हैं। श्रीमती आमना ने बताया कि वह पिछले दो माह से बराबर क्लीनिक आ रही हैं। उन्हें शुरू में सिर में दर्द होने की शिकायत थी। जब वह क्लीनिक आई तो डॉक्टर मैडम ने उनकी जाँच की और उन्हें बताया कि बी.पी. की बीमारी है। उन्होंने मुझे नि:शुल्क दवा भी दी, जिससे अब घबराहट और दर्द में बहुत आराम है। रोशनपुरा ई-संजीवनी क्लीनिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. लालिमा गुप्ता ने बताया कि क्लीनिक में 120 प्रकार की दवाइयाँ उपलब्ध हैं, जो मरीजों को नि:शुल्क दी जाती हैं। क्लीनिक पर 34 प्रकार की जाँचें भी की जाती हैं। मरीजों के क्लीनिक में पंजीयन से लेकर जाँच, प्रिस्क्रिप्शन और मेडिसिन वितरण आदि की सम्पूर्ण जानकारी कम्प्यूटर से पोर्टल पर दर्ज की जाती है। यह पूरी डिजिटल प्रक्रिया है। ई-संजीवनी क्लीनिक पर हब एवं स्पोक मॉडल के आधार पर विशेषज्ञ चिकित्सकों से भी मरीजों को परामर्श और उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।