भोपाल। यदि आप हृदय रोगी है और आप मध्यप्रदेश के सबसे बढ़े अस्पताल भोपाल एम्स मेें उपचार कराने का मंसूबा पाल कर बैठे है तो यह आप गलत सोच रहे है। क्योंकि एम्स में हदृयरोगियों को परेशानियां झेलनी पड़ सकती है। यहां के एक मात्र हृदृय रोग विशेषज्ञ ने इस्तीफा दे दिया है। मध्यप्रदेश के सबसे भरोसेमंद और सबसे बढ़ चिकित्सीय संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में शनिवार 8 जनवरी से हृदय रोग विशेषज्ञ की सलाह नहीं मिलेगी। इसकी मुख्यम बजह है भोपाल एम्स के एकमात्र हृदय रोग विशेषज्ञ डा. गौरव खंडेलवाल ने विदेश में अध्ययन करने जाने के चलते इस्तीफा दे दिया है। यही कारण है कि 7 जनवरी को वे अस्पताल में अपनी आखिरी सेवा देंगे। और इसके बाद से यह पद रिक्त हो जाएगा और फिर 8 जनवरी यानि कल से भोपाल एम्स ओपीडी में हदृय रोग से पीडि़त मरीजों का इलाज बंद हो जाएगा। हालांकि अभी तक यह जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है कि उनकके स्थान पर उनकी जगह किस चिकित्सक को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। फिलहाल जो जानकारी प्राप्त हो रही है उसके अनुसार अब उनकी जगह मेडिसिन के चिकित्सक मौजूद रहेंगे। लेकिन यह इलाज विशेष नहीं सामान्य ही होगा। आपको बता दें इकोकार्डियोग्राफी भी सिर्फ उन्हीं मरीजों को हो पाएगी, जिन्हें कार्डियोथोरेसिक सर्जन देखेंगे।
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