भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं राष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्री बी.एल. संतोष की उपस्थिति में क्रिस्प एवं एनएसडीसी के मध्य एमओयू (अनुबंध पत्र) पर आज हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू के तहत ग्रामीण जनजातीय युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जायेगा। संस्थान आपस में मिलकर रिसर्च के क्षेत्र में कार्य करेंगे। इस अनुबंध में क्रिस्प, युवा विकास सोसायटी एवं एनएसडीसी के सहयोग से संसदीय संकुल परियोजना में ग्रामीण जनजातीय तकनीकी प्रशिक्षण का क्रियान्वयन किया जायेगा। अनुबंध पत्र पर भारत सरकार के एनएसडीसी (राष्ट्रीय कौशल विकास निगम) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वेदमणि तिवारी और क्रिस्प के एमडी डॉ. श्रीकांत पाटिल ने हस्ताक्षर किए। क्रिस्प संस्थान के जर्मन प्रतिनिधि माइकल थॉमस वॉल्फ उपस्थित थे। क्रिस्प एवं नेशन फर्स्ट पॉलिसी रिसर्च सेंटर नई दिल्ली के साथ भी एमओयू हुआ। इस अनुबंध-पत्र पर क्रिस्प एमडी डॉ. पाटिल और नेशन फर्स्ट पालिसी रिसर्च सेंटर के डॉयरेक्टर श्री उदय भास्कर ने हस्ताक्षर किए।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश और युवाओं के कल्याण पर केंद्रित है अनुबंध

अनुबंध में क्रिस्प एवं एनएसडीसी (राष्ट्रीय कौशल विकास निगम) की स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप होगी। क्रिस्प, एन.एस.डी.सी. के सहयोग से मध्यप्रदेश में कौशल उन्नयन के लिए इंडस्ट्री की माँग के अनुसार भविष्य कौशल के अनुसार ई-व्हीकल, 5-जी, ड्रोन टेक्नोलाजी, पावर इंजीनियरिंग, आर्टिफ़िशियल  इंटेलिजेंस , आई. ओ. टी. इत्यादि कौशल विधाओं में भी कार्य करेगा, अनुबंध के तहत क्रिस्प और एन.एस.डी.सी. की अन्य योजनाएँ जैसे टी.आई.टी.पी., संकल्प, आर.पी.एल., लघु अवधि प्रशिक्षण कार्यक्रम, एन.ए.पी.एस., ग्रामीण उद्यमी, सी.एस.आर. आदि का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश में करेगा। इससे आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के सतत उद्देश्यों की पूर्ति होगी। एनएसडीसी के सहयोग के साथ ग्रामीण उद्यमी परियोजना का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश में किया जायेगा, जिसमें 22 हजार 811 पंचायतों में से हितग्राहियों का चयन कर प्रशिक्षण दिया जायेगा। इन्हें स्व-रोजगार से जोड़ा जायेगा। इससे ग्रामीण युवाओं को उनके क्षेत्र में ही रोजगार मिल जाने से पलायन की प्रवृत्ति रूकेगी।

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