भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभागों की समीक्षा बैठक लेते हुए कहा कि मध्यप्रदेश, कॉन्क्लेव में लिए गए निर्णयों को बेहतर ढंग से जमीन पर उतारने का कार्य करेगा। संबंधित विभाग आम जनता के कल्याण के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, फ्लेगशिप योजनाओं और हितग्राहियों के खातों में राशि जमा करने से जुड़े कार्यों को नियमित रूप से पूरा करते रहें। जिन योजनाओं में अभी हितग्राही के बैंक खाते में सीधे राशि के अंतरण की सुविधा विकसित नहीं की गई है, उन योजनाओं में भी यह सुविधा प्रारंभ की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभागवार कॉन्क्लेव के निर्णयों की जानकारी प्राप्त की।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र परिवारों में से 30 लाख से अधिक की स्वीकृति दी जा चुकी है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में करीब 4 लाख आवासों की मंजूरी दी गई है। प्रतिमाह 40 से 50 हजार आवास बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
बताया गया कि प्रदेश में विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियों सहित 21 विभागों की 134 योजनाओं में डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) लागू है। अब तक 17 हजार 867 करोड़ रूपए की राशि अंतरित की जा चुकी है। प्रधानमंत्री किसान-कल्याण योजना, मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना और जनजातीय छात्रवृत्ति वितरण के लिए आधार इनेबिल्ड पेमेंट सिस्टम की व्यवस्था है। भारतीय अर्थ-व्यवस्था को 05 ट्रिलियन डॉलर बनाने के कॉन्क्लेव के निर्णय पर अमल की दिशा में राज्य के योगदान स्वरूप मध्यप्रदेश सरकार ने कृषि और कृषि आधारित गतिविधियों के लिए वर्ष 2022-23 में 40 हजार 916 करोड़ और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के 2850 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। चालू वित्त वर्ष में पूँजीगत व्यय गत वित्त वर्ष के पुनरीक्षित अनुमान से 20 प्रतिशत वृद्धि के साथ 48 हजार 800 करोड़ रूपए किया गया है। प्रदेश में व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियों को अधिक सुगम बनाने के लिए ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के भी प्रयास हो रहे हैं। जेम पोर्टल से खरीद के कार्य को दोगुना किए जाने का लक्ष्य है। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दिया गया है। उच्च स्तर पर 23 प्रमुख विभागों की परियोजनाओं की नियमित समीक्षा की जाती है।