भोपाल। महाराष्ट्र के सियासी घमासान में एक ओर मोड़ तब आ गया जब राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोशयारी ने 30 जून शाम 5 बजे तक महाअघाड़ी सरकार को फ्लोर टेस्ट करने के निर्देश दिए। जिसके बाद बुधवार को शिवसेना ने सुप्रीमकोर्ट का रूख किया। शाम पांच बजे से सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई प्रारंभ हुई। जहां शिवसेना के वकील मनु सिंघवी ने कोर्ट में तर्क रखा कि जब कोर्ट में विधायकों के निलंबन का मामला लंबित है तो कैंसे राज्यपाल फ्लोर टेस्ट के लिए कह सकते है। कहीं राज्यपाल ने जल्दबाजी तो नहीं कि है। साथ ही सिंघवी ने कहा कि 16 विधायक तो 21 जून को ही निलंबित हो गए थे। ऐसे में वे कैंसे बहुमत सिद्ध करेंगे जिनकी सदस्यता ही भंग है। हालांकि अभी निर्णय नहीं आया है कोर्ट में सुनवाई जारी है।
उधर दूसरी तरफ बागी गुट गोहाटी से गोवा के लिए रवाना हो गया है। बतादें कि बगाबत कर रहे सिंदे गुट से लंबी चर्चा के बाद भाजपा के दिग्गज नेता देवेन्द्र फणनबीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोशयारी से मंगलवार को मुलाकात की थी। जिसके बाद सरकार को बहुमत सिद्ध करने के लिए राज्यपाल ने निर्देशित किया था तो शिवसेना ने कोर्ट में चुनोती दी है।
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