नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि महाराष्ट्र सरकार को इस साल मार्च की तुलना में वर्तमान में अधिक कोयला प्राप्त हो रहा है। मीडिया के एक हिस्से में छपी एक खबर के प्रत्युत्तर में मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान राज्य अपनी कोयले की आवश्यकता पूरी कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान महाराष्ट्र के थर्मल विद्युत संयंत्रों (टीपीपी) को 70.77 मिलियन टन (एमटी) कोयले की आपूर्ति की गई। कोयला मंत्रालय ने यह भी कहा कि बिजली की मांग में वृद्धि के साथ थर्मल संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति बढ़ रही है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2022 में महाराष्ट्र के बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति 2.14 लाख टन प्रतिदिन थी। इसे इस महीने/अप्रैल 11.04.2022 तक बढ़ाकर 2.76 लाख टन प्रतिदिन कर दिया गया है।

महाजेन को 2021-22 में 37.131 मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति की गई है। 22 मार्च को महाजेनको को रोजाना कोयले की आपूर्ति 0.96 लाख टन प्रतिदिन थी, जिसे अप्रैल में (11.04.22 तक) बढ़ाकर 1.32 लाख टन प्रतिदिन कर दिया गया है। यह भी प्रासंगिक है कि महाजेनको पर लगभग 2390 करोड़ रुपये बकाया होने के बावजूद महाराष्ट्र की कोयले की आवश्यकता को पूरा किया जा रहा है।

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