भोपाल। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेना में भर्ती के बदलावों में बदलाव कर अग्रिपथ योजना प्रारंभ की थी। जिसके तहत महज 4 सालों तक सेना में सेवाएं दे और सेवनिवृत होकर अन्य कार्य भी कर सकते है। प्रारंभिक दौर में देश भमें 86 हजार इस योजना के तहत भर्ती प्रक्रिया की जाएगी। लेकिन अब इस योजना के शुभारंभ के साथ ही इसका विरोध होना शुरू हो गया है।
बतादें कि वर्षों से सेना में अपना करियर बनाने के लिए तैयारी कर रहे युवाओं को यह योजना रास नहीं आ रही है। देश के कौने-कौने से इस योजना के विरोध में युवा सडक़ों पर उतर आए है। पटना में पाटलीपुत्र ट्रेन पर आक्रोषित युवाओं द्वारा पथराव किया गया है। इसके अलावा भी कई स्थानों से इस तरह की खबरे सामने आ रही है।
असम रायफल में मिलेगी नौकरी
गृह मंत्री अमित शाह ने अग्रिपथ योजना की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की इस योजना के पीछे दूरदर्शिता होगी। उन्होने ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए कहा कि अग्रिपथ योजना के तह युवाओं को रोजगार मिलेगा साथ ही असम रायफल में रिजर्वेशन भी दिया इन अग्रिवीरों को दिया जाएगा।
अग्निपथ योजना क्या है?
योजना के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। साढ़े 17 साल से 21 साल के युवा लडक़े और लड़कियां इसके लिए पात्र होंगे। इसके लिए 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र आवेदन कर सकेंगे। इसकी शुरुआत 90 दिन के भीतर हो जाएगी। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। पहली भर्ती प्रक्रिया में युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग का समय भी चार साल में शामिल होगा।
हर अग्निवीर को भर्ती के साल 30 हजार महीने तनख्वाह मिलेगी। इसमें से 70 फीसदी यानी 21 हजार रुपये उसे दिए जाएंगे। बाकी 30 फीसदी यानी नौ हजार रुपये अग्निवीर कॉप्र्स फंड में जमा होंगे। इस फंड में इतनी ही राशि सरकार भी डालेगी। दूसरे साल अग्निवीर की तनख्वाह बढक़र 33 हजार, तीसरे साल 36.5 हजार तो चौथे साल 40 हजार रुपये हो जाएगी।

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